जन्म कुंडली में कुल बारह स्थान होते है, प्रत्येक स्थान जीवन के किसी न किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, आम बोलचाल की भाषा में इन भावों को घर या स्थान भी कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष की सहायता से इन्हीं बारह भावों में बारह राशियों और नौं ग्रहों की स्थितियों की गणना करके भविष्यवाणी की जाती है। प्रस्तुत लेख ...
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