राहू केतु का जन्म
अमृत मंथन के पश्चात देवताओं और असुरों में युद्ध चल रहा था | अमृत देवताओं के पास सुरक्षित था | अमृत को देवताओं से चुराने के उद्देश्य से कुछ असुर ने देवताओं का रूप धारण करके अमृत के पास चले गए | उन्ही में एक मायावी असुर था | उस असुर ने कुछ बूँद अमृत पान तो कर लिया परन्तु सूर्य और चन्द्र ने उसे देख लिया और भगवान् विष्णु को सूचित कर दिया | भगवान् विष्णु उस समय अति सुन्दर मोहिनी अवतार में थे | इस पर भगवान् विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उस असुर के शीश को काट दिया | अमृतपान करने के पश्चात अमर हो चुके असुर का कटा हुआ शीश राहू और धड केतु बन गया | इसी के फलस्वरूप राहू से सूर्य और चन्द्र की शत्रुता प्रारंभ हुई | सूर्य और चन्द्र को ग्रहण के समय राहू निगल लेता है परन्तु कुछ समय बाद राहू के कटे गले से सूर्य और चन्द्र बाहर आ जाते हैं |
जन्मकुंडली में राहू के साथ सूर्य
जिन लोगों की जन्मकुंडली में राहू के साथ सूर्य या राहू के साथ चन्द्र होता है उनके साथ जीवन में ग्रहण जैसी स्थिति बनती रहती है | यदि राहू के साथ सूर्य हो तो व्यक्ति की आत्मा पर जीवन भर दबाव रहता है | ऐसा व्यक्ति अन्दर से दुखी रहता है और अपनी समस्या किसी को बता नहीं पाता | सूर्य और राहू के एक साथ जन्मकुंडली में होने पर पिता से वियोग, नौकरी में अपमान, राजा द्वारा दंड, मानहानि या कुछ समय के लिए जेल जाना पड़ सकता है |
जन्मकुंडली में राहू के साथ चन्द्र
यदि जन्मकुंडली में राहू के साथ चन्द्र हो तो जीवन भर व्यक्ति भय से ग्रस्त रहता है | ऐसे जातक को माता से वियोग हो सकता है | सास या ससुर में से किसी एक की मृत्यु शीघ्र हो जाती है | मानसिक व्याधियों से जातक परेशान रहता है | निकम्मी संतान या संतान से कष्ट होता है | चन्द्र राहू की युति में यदि चन्द्र के अंश काफी कम हों और राहू अधिक अंशों का हो तो ऐसे व्यक्ति के रक्त सम्बन्ध में किसी व्यक्ति की जल में डूबने, फांसी लगाने, भूत प्रेत से ग्रस्त होने या ऊंचाई से गिरने का भय रहता है |
राहू के लिए उपाय
यदि आपकी कुंडली में राहू और सूर्य या राहू के साथ चन्द्र हैं तो नीचे लिखे उपाय आपको काफी मुश्किलों से बचा सकते हैं |काले कपडे कम पहनें और हमेशा एक कुत्ता पालें | माँ काली के मंदिर में शराब की आहुति दें और भैरों के मंदिर में हर शनिवार एक सिगरेट जलाकर चढाने से राहू का प्रकोप कम होता है | गले में कुछ मत पहनें | राहू काल में कोई शुभ काम प्रारंभ न करें |
राहू बीज मन्त्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: राहवे नमः
राहू का मन्त्र किसी पंडित आदि से करवाने की अपेक्षा किसी ऐसे व्यक्ति से करवाना चाहिए जो शनि का दान लेता हो | राहू के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए स्वयं इस मन्त्र को मन में पढ़ें | चलते फिरते उठते बैठते सोते जागते जब भी समय मिल जाए मन में यह मन्त्र अनवरत चलता रहे | कुछ दिनों में आपको आभास होने लगेगा कि आपसे जो चीजें छिपी थी या जिन चीजों को आपसे छुपाया जा रहा था वह सब आपके सामने आईने की तरह साफ़ हो गई हैं |
इसके अतिरिक्त स्वप्न में शुभाशुभ का ज्ञान होने लगेगा | यदि आपको कोई बुरी लत है तो उससे आपका मन भरने लगेगा | इस मन्त्र के प्रभाव से आपके शत्रु मुसीबत में फंसे नजर आयेंगे | और केवल चालीस दिन के भीतर आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त करने की स्थिति में होंगे |
पाठकों की सुविधा के लिए मन्त्र mp3 format में उपलब्ध है | नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप मन्त्र को सुन व् समझ सकते हैं |
Hi sir,
i have been in relation for last 4 year .we were facing problm in marriage gilrs parent are agreee,
Boys details
vinod kumar prasad
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sir can u plz check when her parent will agreee and is it possible for love marriage