दुनिया में कमी नहीं है प्रतिभाशाली लोगों की परंतु यदि व्यक्ति प्रतिभाशाली होने के साथ-साथ महत्वाकांक्षी भी हो तो उसे तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता ऐसा व्यक्ति भीड़ का हिस्सा नहीं रह सकता परंतु जिन लोगों में आगे बढ़ने की इच्छा नहीं होती जिन लोगों में महत्वाकांक्षी होने का गुण नहीं होता वह लोग लोग कभी-कभी केवल दूसरों के प्रयोग की वस्तु मात्र बनकर रह जाते हैं । लोग उनकी काबिलियत का प्रयोग अपने फायदे के लिए करते हैं और स्वयं आगे बढ़ जाते हैं
जन्मकुंडली में इच्छाशक्ति का योग
यदि आपमें आगे बढ़ने की इच्छा ही नहीं होगी तो आप तरक्की कैसे करेंगे और यदि आपकी इच्छा है कुछ बड़ा करने की तो कभी तो मौका मिलेगा आपको जब आप रिस्क लेने को तैयार रहेंगे । जन्म कुंडली में लग्न व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है लग्न और लग्नेश व्यक्ति के जीवन में यह तय करता है कि उस व्यक्ति की इच्छा शक्ति का पैमाना क्या है l बाकी दूसरे ग्रह व्यक्ति को प्रतिभाशाली बनाते हैं जितना अधिक ग्रहों का प्रभाव लग्न पर पड़ेगा व्यक्ति उतना ही प्रतिभाशाली होता है ।
अच्छे ग्रहों का प्रभाव पड़ने पर व्यक्ति का स्वभाव अच्छा होगा और बुरे ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति में बुरे गुण बुरी आदतों की अधिकता हो जाती है ।
कुंडली के ग्रह पर आपका कार्य के प्रति दृष्टिकोण
जन्म कुंडली का दसवां घर द्रेष्कोण चक्र और वृहस्पति व्यक्ति के करीयर को बनाते हैं बु्ध व्यक्ति को व्यापार बिजनेस करने की बुद्धि देता है चालाक बनाता है मंगल व्यक्ति को चुस्त बना देता है और कूटनीति से काम करना सिखाता है शुक्र व्यक्ति के काम में स्टाइल भर देता है उसे औरों से अलग करने की प्रेरणा चंद्रमा देता है राहु व्यक्ति को दो नंबर के काम को सफलतापूर्वक करना सिखाता है रिश्वत देना या लेना बिचौलिए का काम करना कमीशन खाना खिलाना चुपचाप अपना काम साधना और किसी को भनक ना लगने देना यह सब सिखाता है । केतु व्यक्ति को स्वप्न देता है आग लगाता है लालच देता है जिसकी वजह से व्यक्ति दिन रात एक कर के मेहनत से काम कर सके ।
सूर्य और महत्वाकांक्षा
इन सभी ग्रहों में सूर्य का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि सूर्य ग्रहों का राजा है सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं इसलिए सूर्य जो भी काम जातक से करवाता है वह अपने आप में एक आधार होता है एक नींव होता है जिसपर व्यक्ति का हर काम टिका होता है और इस आधार का नाम है इच्छा शक्ति या अभिलाषा । एक सोच जो व्यक्ति को महत्वाकांक्षी बनाती है और उसे दूसरों पर राज करने का सपना दिखाती है। एक राजा की तरह काम करना और बड़े काम को अपने हाथ में रखना दूसरों से काम लेना यह सब करने के लिए महत्वाकांक्षी होना अत्यंत आवश्यक है और यह है व्यक्ति को केवल सूर्य दे सकता है ।
काबिलियत पर कभी-कभी भारी पड़ती है चालाकी
किसी समय में मैं मोहाली में एक MNC में काम करता था जहां पर 400 से अधिक लोग थे उस दौरान मैंने देखा कि दुनिया में इतने टैलेंटेड लोग कुछ ऐसे लोगों के नीचे काम कर रहे हैं जो केवल महत्वाकांक्षी और चालाक हैं ।
फिर मैं किसी और कंपनी में गया वहां भी ऐसा ही हाल था परंतु ऐसा नहीं है कि यह सब मैंने अपनी ही जिंदगी में देखा है आप फिल्में देख लो कहानियां पढ़ लो या जीवन चक्र को समझ कर देखो तो आपको यही सब दिखाई देगा लोग डरते हैं रिस्क लेने से और कुछ लोग गुस्से में नौकरी छोड़ बैठते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ना रिस्क लेते हैं ना नौकरी छोड़ते हैं वह दूसरों की गलतियों का फायदा उठाकर उनकी पोजीशन उनकी जगह स्वयं ले लेते हैं ।
ऐसी अवस्था में नौकरी करने वाला इंसान जिसके अंदर काबिलियत है वह ऐसे व्यक्ति के नीचे काम कर रहा होता है जिसे समझ ही नहीं है जिसके पास काबिलियत ही नहीं है उस काम की तो इस तरह काम करना बहुत कठिन हो जाता है हर कंपनी में यही चल रहा है लोग पॉलिटिक्स करते हैं और मेहनती लोगों को डरा धमकाकर प्रलोभन देकर या उनकी कमजोरियों का फायदा उठाकर सबसे ऊपर बैठे लोगों की प्रशंसा का पात्र स्वयं बन जाते हैं।
फिर काबिल व्यक्ति के पास एक ही विकल्प रह जाता है नौकरी बदलने का और नौकरी बदलते बदलते करीयर एक उतार-चढ़ाव से होकर गुजरता है परंतु बाद में समझ आती है की महत्वाकांक्षी होना जीवन में कितना आवश्यक है।
निष्कर्ष
निष्कर्ष यही है कि आप मेहनती हैं तो चालाक भी होना चाहिए यदि आप चालाक नहीं है तो अत्यंत काबिल होना जरुरी है और यदि आप काबिल भी नहीं है तब भी चल जाएगा यदि आप महत्वाकांक्षी हैं ।