कल्पना कीजिये कि कोई व्यक्ति अपनी बेटी की शादी के लिए कोई रिश्ता आया है | रिश्ता अच्छा है तो हर कोई चाहेगा कि यहाँ बात बन जाए | अब सामने वाला पक्ष लड़की को देखता है घर बार सब ठीक है कोई कमी नहीं है तो वर पक्ष भी आकर्षित हो ही जाता है | फिर ख़याल आता है कि जन्मकुंडली मिलान करवाया जाए | वर पक्ष से लड़के का जन्म विवरण माँगा जाता है और विद्वान् ज्योतिषी कुंडली का मिलान करता है | कुंडली भी मिल जाती है | वर वधु की शादी पक्की होती है और सब ठीक ठाक सुचारू रूप से हो जाता है | बहुत हैरानी होगी यह जानकार कि जो कुंडली मिलाई गयी थी उसमे गड़बड़ थी |
दिल्ली के मिश्रा परिवार के साथ कुछ ऐसा ही हुआ | जनवरी २०१३ को यह परिवार मेरे पास आया | लड़के की कुंडली मैंने स्वयं देखी थी | मैंने सवाल किया कि लड़का करता क्या है | तो जवाब मिला गुडगाव में किसी कम्पनी में इंजीनियर है | मुझे हैरानी थी कि शनि दशम भाव में होना चाहिए था 11वें स्थान में है | कुछ देर कुंडली देखने के बाद मैंने उन्हें कह दिया कि कुंडली मंगल में मंगल दोष नहीं है २६ गुण मिलते हैं और शुक्र भी अच्छा है इसलिए कुंडली अच्छी है | शादी करने में कोई परहेज नहीं है | फिर भी मुझे कुछ शंका हुई और मैंने जन्म समय पर गौर किया | जन्म समय था रात के ८ बजकर ४५ मिनट | अगले २५ मिनट बाद लग्न बदल रहा था और उस बदले हुए लग्न के हिसाब से शनि दशम में था | कहने का तात्पर्य है कि इंजीनियर होने के लिए जो ग्रह कुंडली में होने चाहिए उसके हिसाब से कुंडली को यदि एक घंटा आगे बढ़ाया जाना था |
इंजीनियर व्यक्ति का शनि या तो लग्न में होगा, या दशम में या फिर षोडशवर्ग में शनि का प्रभाव लग्न और दशम भाव पर होगा | यानी कुंडली से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कुंडली सही है या जबरदस्ती बनवाई गई है |
जन्मकुंडली का समय इधर उधर करके रिश्ता और शादी तो हो जाते हैं परन्तु ऐसे लोगों की मानसिकता से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि ज्योतिष का दुरूपयोग करके किस तरह से कोई अपना काम निकल सकता है |
यदि जन्म कुंडली में कोई ऐसा योग है जिसे देखकर हर ज्योतिषी ऐसे व्यक्ति से शादी करने से इनकार कर देता है तो वह व्यक्ति शादी करने के लिए कुछ न कुछ छल करेगा, यह तो संभव है | प्रश्न यह है कि बताये गए जन्म समय पर विश्वास कर लिया जाए या नहीं | इसका एक ही उत्तर है | विद्वान् ज्योतिषी कुंडली मिलान करते समय जल्दी न करे |
होता यह है कि ज्योतिषी समय की कमी के कारण छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं | गुण मिलान किया, मांगलिक दोष का निरीक्षण कर लिया नाम राशि से वर वधु का मिलान करके काम ख़त्म कर दिया जाता है | यह सब चीजें अब कम्प्युटर द्वारा बड़ी ही सुगमता से हो जाती हैं |
जन्मकुंडली मिलान कैसे हो?
जन्मकुंडली मिलान करने के लिए कम से कम आधे घंटे का समय चाहिए | यदि ज्योतिषाचार्य आपको पांच मिनट में कुंडली मिलान करके दे देते हैं तो यह चिंता का विषय है | कैसे आइये जानते हैं |
- सबसे पहले जन्म लग्न से जातक जातिका के चरित्र का पता चलता है | चरित्र सबसे पहले हैं बाकी चीजें बाद की हैं | लग्न के बाद राशी और फिर होरा चक्र देखा जाता है |
- मांगलिक दोष है या नहीं यह सुनने में आसान लगता है परन्तु कई बार गलती से मांगलिक की आंशिक मांगलिक से शादी करवा दी जाती है | मांगलिक योग की तीव्रता में यदि ७० से अधिक अंकों का फर्क हो तो कुंडली मिलान उत्तम नहीं है |
- जन्मकुंडली का पांचवां घर यह बता सकता है कि भावी पति / पत्नी के भविष्य में संतान सुख है या नहीं | इस पर विचार वे लोग कर सकते हैं जो शादी केवल संतान की इच्छा से करना चाहते हैं | कई बार वंश को आगे बढाने के लिए दुबारा शादी की जाती है | आज भी कुछ लोग ऐसे मिलते हैं जो संतान सुख से वंचित हैं और रजामंदी से दुसरे विवाह के लिए प्रयासरत रहते हैं |
- अजीब लगेगा परन्तु यह सुनिश्चित कर लें कि एक से अधिक विवाह का योग तो नहीं है ?
- आयु का विचार ज्योतिष में निषिद्ध है परन्तु मैं मानता हूँ कि यदि कुछ ऐसा दिखाई दे तो संकेत अवश्य दिया जा सकता है |
- अब मिलान की बारी आती है | कुंडली मिलान करते समय ऊपर लिखे सभी सिद्धांत यदि ध्यान में रखे जाएँ तो उत्त्तम जीवन साथी आपको अवश्य मिलेगा |
मैं दावे से कह सकता हूँ कि उपरोक्त बातें सुनिश्चित करने के बाद तलाक जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है | यदि हर व्यक्ति ज्योतिष के इन नियमों का पालन करता है तो आने वाले समय में वैवाहिक समस्याओं पर किसी अदालत में कोई केस नहीं बचेगा |