दायीं आँख फड़कना हो या बायीं आँख का फड़कना दोनों ही स्थितियां भविष्य में होने वाली कोई महत्वपूर्ण घटना का संकेत हैं। माना जाता है कि दायीं आँख फडकने से पुरुष को और बायीं आँख फडकने से स्त्री को लाभ होता है। नीचे दिए चित्र के अनुसार देखें दायीं आँख कैसे फड़कती है
और बायीं आँख फड़कने का चित्र भी देखें
दिलचस्प बात यह है कि किसी होने वाली किसी महत्वपूर्ण घटना की पूर्वसूचना अंग फडकने से मिल जाती है | यह पूर्वाभास है किसी घटना के होने का
यहाँ हम सिर्फ आँख के फडकने की बात कर रहे हैं | इस विषय पर चर्चा जरूरी है | मैं चाहूँगा कि आप भी अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करें |
आपकी कुंडली में शनि और राहू के होने की एक खास वजह होती है | भगवान ने शनि को बनाया है मनुष्य के किये कर्मों के शुभाशुभ कार्यों के फल देने के लिए | शनि फैसला सुनाता है और राहू शनि के आदेशानुसार कार्य करता है | व्यक्ति को शुभ अशुभ भुगतना होता है |
जिन लोगों कि कुंडली में राहू की स्थिति लग्न पंचम और नवम भाव में होती है उन्हें किसी होने वाली घटना की पूर्वसूचना किसी न किसी माध्यम से मिल जाती है | आधुनिक समाज में इन चीजों की अनदेखी कर दी जाती है फिर भी ऐसा होता है |
बारहवें भाव में राहू हो तो स्वप्न से व्यक्ति को पूर्वाभास होता है | दूसरे स्थान में राहू हो तो व्यक्ति कुछ बुरा बोलता है तो वह सत्य हो जाता है बहरहाल यह एक अलग विषय है और तथ्य से हटने का कोई कारण नहीं है |
राहू व्यक्ति को पूर्वाभास करवाता है चाहे वह शकुन अपशकुन से हो या स्वप्न से हो या फिर अंग के फडकने से | जब भी आपकी आँख फडके तो समझ लीजिए कुछ न कुछ महत्वपूर्ण होने वाला है वह अच्छा या बुरा कुछ भी हो सकता है परंतु यह बात सत्य नहीं है कि दायीं आँख के फडकने से पुरुषों को लाभ होता है | मैंने उन लोगों को भी सुना है जिन्होंने स्वीकार किया है कि दायीं आँख फडकने के बाद कुछ हानि हुई थी | इसी तरह स्त्रियों को भी बायीं आँख के फडकने से केवल लाभ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए |
राहू आपको संकेत दे रहा है कि कुछ न कुछ होने जा रहा है | अच्छा या बुरा यह राहू की आपके गोचर में, जनम लग्न में और विंशोत्तरी दशा में स्थिति पर निर्भर करता है |
यदि कुछ महत्वपूर्ण बड़ी घटना घटने वाली है तो आपकी आँख एक दो दिन के लिए नहीं बल्कि कई दिनों तक फड़कती रहेगी अर्थात अंग फडकने के दिनों की अवधि निर्धारित करती है कि जो कुछ होने वाला है उसका आपके जीवन पर कितना प्रभाव पड़ेगा | इसके विषय में बहुत सी ईमेल मिली | हर व्यक्ति की अलग कहानी थी | फिर भी जो चीज अधिकतर लोगों ने महसूस की है मैं उसका उल्लेख नीचे कर रहा हूँ |
- आँख जितनी जोर से फडके उतना ही शुभ या अशुभ फल होता है |
- कभी कभी आँख के ऊपर का हिस्सा या आस पास की त्वचा में हलचल होती है | ऐसी अवस्था में नुक्सान का भय होता है परन्तु बचाव हो जाता है |
- आँख की पलक फड़कना निकट भविष्य में किसी विशेष घटना की जानकारी होती है |
- दायीं आँख फडकना खतरे की घंटी है तो बायीं आँख फडकने से धन लाभ होता है |
- शरीर के सामने का हिस्सा फडकने से लाभ और पीठ पीछे का हिस्सा फड़कने से हानि का भय होता है |
इस सन्दर्भ में आपके प्रश्न और विचार आमंत्रित हैं | नीचे दिए गए कमेन्ट बाक्स के माध्यम से अपने विचार भेजें |
नमस्कार गुरूजी
सिंह लग्न की कुंडली में मंगल, गुरु, राहू, शनि लग्न में है, मेरी बाई आँख की भोह पिछले कुछ महीनो से बार बार फड़क रही है, कभी बंद हो जाती है कुछ समय के लिए फिर कुछ दिनों के अन्तराल से फिर चालू हो जाती है फड़कना, ऐसा होना मुझे काफी डिस्टर्ब करता है जब तक ऐसा होता है मेरा ध्यान बार बार वही जाता है, इसका कोई उपाय है?