ग्रहों की सृष्टि करते समय ईश्वर ने हर छोटी बात का ध्यान रखा है ग्रहों को बनाया ताकि हमें अपने कर्मों का शुभ अशुभ फल मिले
कर्मों के बंधन में पड़कर व्यक्ति शुभ और अशुभ कर्म करता है परंतु हमारे ग्रह हमें एक मौका अवश्य देते हैं अपने कर्मों को सुधारने का दैनिक जीवन में भी हर समय हमारे पास मौका होता है अपने आशिक ग्रहों को ठीक करने का।
ऐसे प्राप्त करें ग्रहों की कृपा
ईश्वर की प्रेरणा से इस पोस्ट में मैं कुछ ऐसी जानकारी अपने पाठकों को देना चाहता हूं जिनका प्रभाव मैंने अपने वास्तविक जीवन में भी देखा है। यदि अच्छा लगे तो आगे शेयर अवश्य करें।
सुबह जल्दी उठने से सूर्यदेव होते हैं प्रसन्न

सर्वप्रथम सूर्य से शुरू करते हैं यदि आपका सूर्य खराब है तो आपके पास हर दिन एक मौका होता है अपने सूर्य को ठीक करने का लोग कहते हैं सूर्य को जल देने से सूर्य अच्छा होता है परंतु अधिकतर लोग सूर्य को गलत समय पर जल देते हैं इससे ना केवल सूर्य अशुभ हो जाता है अपितु आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचता है।
यदि आप सूर्य को प्रतिदिन उठ कर नहा धोकर जल नहीं दे सकते तो केवल इतना काम कीजिए कि सूर्य उदय से पहले प्रतिदिन उठने का प्रयास करें आप देखेंगे कि सूर्य के प्रति आपका यह सम्मान आपको जीवन में सम्मानित बना देगा।
चन्द्रमा को शांत करें जल से

चंद्रमा के अशुभ होने का यदि आपको आभास हो तो चंद्रमा भी हमें प्रतिदिन यह मौका देता है कि हम अपने चंद्रमा को शुभ बना सकें।
जल का कारक ग्रह चंद्रमा है जितना हो सके जल का प्रदूषण रोकने का प्रयास करें इसके अतिरिक्त जल को व्यर्थ ना गवाएं आप देखेंगे कुछ ही समय में आपके जीवन से हाइपरटेंशन मानसिक तनाव तथा मानसिक अवसाद जैसी दिक्कतें दूर होने लगेंगे।
यदि आपको लगता है कि आपका मंगल आपके जीवन को प्रभावित कर रहा है तो मंगल द्वारा दिए अवसर को हाथ से जाने ना दें।
झगड़े का कारक ग्रह मंगल है जिन लोगों पर मंगल की कृपा रहती है वह अक्सर दूसरों के झगड़ों को समझाने का काम करते हैं यदि आप भी अपने जीवन में में किसी की आपसी शत्रुता को समाप्त करने में कामयाब हो जाते हैं तो मंगल की कृपा का पात्र बनेंगे।
रक्त द्वारा मंगल ग्रह की शान्ति

मंगल रक्त को संचालित करता है और समय-समय पर आपको इतनी क्षमता देता है कि थोड़े से रक्तदान से आपको कुछ नुकसान नहीं होता परंतु दूसरों की नसों में जब आपका यह रक्त दौड़ता है तो आप स्वयं ही समझ लीजिए कि रक्त का यह संबंध जीवन के लिए कितना आवश्यक है।
बुध ग्रह को शांत करे ऐसे
आइए बुध की बात करते हैं जो कारक है लेखन का चाहे आप कीबोर्ड पर कार्य कर रहे हैं परंतु आपके द्वारा लिखा हर शब्द बुद्ध द्वारा संचालित होता है आपको इतना ज्ञान बुद्ध ही देता है इसीलिए जिन लोगों का बुध अच्छा होता है अक्सर लेखक बल्कि अच्छे लेखक बन जाते हैं।

तलाश कीजिए ऐसे लोगों की जिन्हें लिखना नहीं आता यदि ऐसे लोग आपको कहीं नहीं मिलेंगे तो बैंक में जाइए वहां किसी बुजुर्ग या अनपढ़ व्यक्ति के लिए आवश्यक फार्म भरकर मदद कीजिए यकीन मानिए ऐसा करके आप उस व्यक्ति के खराब बुध को अच्छा तो बना ही रहे हैं बल्कि अपने बुद्ध को भी सुधार रहे हैं।
बृहस्पति को शांत करें ऐसे

वृहस्पति के विषय में सभी जानते हैं देवताओं के गुरु हैं ज्ञान बांटना उनका कार्य है यदि ईश्वर ने आपको ज्ञान दिया है उसे बांटने का प्रयास करें अधिक से अधिक लोगों की ज्ञान वृद्धि करें ऐसे बच्चों की शिक्षा का इंतजाम करें जो शिक्षा का शुल्क नहीं उठा सकते गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दें मंदिर धर्म स्थान आदि में जाकर गंदगी हटाए स्वच्छता अभियान को धर्म के मार्ग पर ले जाएं और इस जानकारी को और लोगों तक पहुंचाएं।
कहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कि आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ा बड़ी सीधी सी बात है जिस प्रकार एक मोमबत्ती से हजारों मोमबत्ती जलाई जा सकती हैं उसी प्रकार ज्ञान अंधकार को जब निगल लेता है तब आपका बृहस्पति आपके जीवन में अपने लक्षणों की वृद्धि करने में तत्पर हो जाता है।
शुक्र की कृपा प्राप्त करें ऐसे

जिन लोगों के घरों में सामान बिखरा पड़ा रहता है चीजें अपनी जगह पर नहीं होती निसंदेह यह निशानी है शुक्र ग्रह के विपरीत होने की बस आपको करना यही है की चीजों को साफ सुथरा रखना है आपके घर में सुंदरता का वास होगा तो शानो-शौकत के साथ साथ सुंदरता आंखों के रास्ते मन में भी उतर जाएगी इसके अतिरिक्त जो लोग आलस्य की वजह से बिस्तर पर पड़े रहते हैं यदि यह आदत छोड़ दें तो आपके शुक्र को बल आवश्य मिलेगा उदाहरण के लिए फिल्मी सितारों को देखिए उनके घरों को देखकर आप जान जाएंगे कि शुक्र की कितनी कृपा है ।जहां शुक्र की कृपा होती है वही लक्ष्मी की कृपा भी वहीं होती है।
सुंदरता का प्रधान ग्रह होने के कारण शुक्र को सुंदरता प्रिय है और जो शुक्र को प्रिय है उसका शुक्र प्रिय है।
ऐसे शांत करें कर्म फलदाता को

कर्मफल दाता शनि से सभी डरते हैं परंतु डरने की क्या आवश्यकता है यदि आप अपने कर्म को ईमानदारी से करें।
एक धारावाहिक प्रसारित होता था जो शनि पर आधारित था आपने यदि गौर किया हो तो शनि उस धारावाहिक में न्याय करते नजर आए कथा कहानियों में कुछ तो सत्य है अवश्य होता है यदि इसी बात से प्रेरणा लेकर हम अपने कार्य के प्रति न्याय करें तो दैनिक जीवन में आपको अनेक बार यह मौका मिलेगा कि आपको शनि के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के उपाय नहीं करने पड़ेंगे।
शनि का काम है किसी भी कार्य में देर लगाना क्योंकि शनि की गति अति मंद है यह मंद गति इसलिए भी है कि न्याय हर पहलू को ध्यान में रखकर किया जाता है।
सरकारी कर्मचारी यदि जानबूझकर किसी के काम को ना हटाए तो यह एक बड़ी पहल होगी।
कंप्यूटर प्रोग्रामर शनि द्वारा संचालित होते हैं क्योंकि तकनीकी कार्य है जिसमें जटिलता लगभग वैसी ही होती है जैसी शनि को समझने में होती है।
तोल-मोल से संबंधित कार्य है तो गलती चाहे मिलावट के रूप में हो या मात्रा के रूप में अपने कार्य के प्रति न्याय कीजिए।
घर बनाने से लेकर प्रॉपर्टी डीलिंग हर तरह के जमीन जायदाद संबंधी कार्य में थोड़ी बहुत लापरवाही लोग करते हैं जबकि यही पर न्याय की सर्वाधिक आवश्यकता होती है।
संक्षेप में कहां जाए तो आपका जो भी कार्य व्यवसाय है उसे आप ईमानदारी से करेंगे तो यह कार्य के प्रति न्याय होगा और न्याय करने वाले लोगों को शनि से कोई भय नहीं।
राहू और केतु को शांत करना है बेहद आसान

राहु और केतु के विषय में बड़ी दिलचस्प बात यह है की भविष्यवाणी की ही नहीं जा सकती क्योंकि छाया ग्रह हैं और छाया तो वास्तविकता का एक अंश है।
राहु द्वारा संचालित लोग दूसरों के काम में रोड़ा अटका थे हैं बाधाएं डालते हैं जब आप कहीं जा रहे हैं या रास्ते में चल रहे हैं तो पत्थर दिखाई दे तो रुक कर तुरंत हटा दीजिए पर जरा सावधानी से।
कील या कोई नुकीली चीज जो किसी वाहन को पंचर कर सकती है उसे नजरअंदाज मत करें आप ने देख लिया संभवतः कोई दूसरा उसे देख ना पाए।
ऐसी कोई चीज जिससे दूसरों को ठोकर लग जाती है यदि आप उसे वहां से हटा दें तो भलाई का यह कार्य किसी को चोट पहुंचने से बचा सकता है।
पीठ पीछे चुगली करना निंदा करना यह सब काम गुप्त तरीके से किया जाते हैं और गुप्त कार्यों के लिए राहु बदनाम है छोड़ दीजिए इस आदत को।
केतु का उपाय
केतु के लिए अलग से कुछ करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि एक राक्षस जिसका सिर काट दिया श्री विष्णु जी ने और धड़ से अलग कर दिया वह धड़ केतू है।

फिर भी जिज्ञासावश कुछ लोग प्रश्न करेंगे इसलिए जख्मी जानवर जब भी कहीं दिखाई दे उसकी मदद करें और यदि आप ऐसा निरंतर कुछ वर्षों तक करते रहेंगे तो जीवन में होने वाली घटनाओं का आभास आपको पहले ही हो जाया करेगा।
निष्कर्ष – घर बैठे करें नौ ग्रहों के उपाय
यह आर्टिकल लिखने का मेरा तात्पर्य केवल इतना है कि ग्रहों के लिए हम अपना कीमती समय नष्ट करके उपाय करने के लिए जाते हैं यह सभी कार्य करने के लिए अलग से समय निकालने की आवश्यकता नहीं है यह तो दैनिक कृत्य हैं जिन पर हम कभी ध्यान ही नहीं देते इनके बिना किया गया कोई भी उपाय अधूरा है और इन कर्मों को अपनाकर कोई उपाय करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
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